न्यूटन के गति के नियम प्रथम, द्वितीय, तृतीय, सूत्र, उदाहरण: Newton laws in Hindi
न्यूटन के गति के नियम (Newton’s Laws of Motion)
न्यूटन के गति के तीन नियम भौतिकी के सबसे महत्वपूर्ण नियमों में से एक हैं। ये नियम वस्तुओं की गति का वर्णन करते हैं और विभिन्न प्रकार की स्थितियों में उनका उपयोग किया जा सकता है।
प्रथम नियम:
“जड़त्व का नियम: प्रत्येक पिंड तब तक अपनी विरामावस्था में या सरल रेखा में एकसमान गति की अवस्था में रहता है जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल उसे अन्यथा व्यवहार करने के लिए विवश न करे।”
सूत्र:
F = 0
जहाँ:
- F कुल बल है।
उदाहरण:
- यदि आप किसी मेज पर रखी हुई किताब को धक्का नहीं देते हैं, तो वह गतिमान नहीं होगी।
- यदि आप किसी बस में बैठे हैं और बस अचानक रुक जाती है, तो आप आगे की ओर झुक जाएंगे क्योंकि आपकी गति पहले से ही बस की गति के समान थी।
द्वितीय नियम:
“बल का नियम: किसी वस्तु के संवेग परिवर्तन की दर उस पर आरोपित बल के समानुपाती होती है और बल की दिशा में होती है।”
सूत्र:
F = ma
जहाँ:
- F कुल बल है।
- m वस्तु का द्रव्यमान है।
- a वस्तु का त्वरण है।
उदाहरण:
- यदि आप किसी गेंद को अधिक बल से फेंकते हैं, तो वह कम बल से फेंकने की तुलना में अधिक दूरी तय करेगी।
- यदि आप किसी कार को धक्का देते हैं, तो वह आपके द्वारा लगाए गए बल के समानुपाती गति से आगे बढ़ेगी।
तृतीय नियम:
“प्रतिक्रिया का नियम: प्रत्येक क्रिया के लिए एक समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।”
सूत्र:
F_12 = -F_21
जहाँ:
- F_12 वस्तु 1 द्वारा वस्तु 2 पर लगाया गया बल है।
- F_21 वस्तु 2 द्वारा वस्तु 1 पर लगाया गया बल है।
उदाहरण:
- जब आप दीवार को धक्का देते हैं, तो दीवार भी आपको वापस धक्का देती है।
- जब आप जमीन पर कूदते हैं, तो जमीन भी आपको ऊपर की ओर धक्का देती है।
न्यूटन के गति के नियम विभिन्न प्रकार की स्थितियों में वस्तुओं की गति का अध्ययन करने और विभिन्न प्रकार की समस्याओं को हल करने के लिए उपयोगी हैं.
यहाँ कुछ अन्य उदाहरण दिए गए हैं:
- गति का संरक्षण: किसी वस्तु के संवेग का परिमाण तब तक नहीं बदलता जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल न लगे।
- गुरुत्वाकर्षण बल: पृथ्वी सभी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है।
- घर्षण बल: दो सतहों के बीच गति के विरोध में लगने वाला बल।